tag:blogger.com,1999:blog-8940932442714791541.post4240708749107981722..comments2023-05-08T18:22:48.939+05:30Comments on वाणी : आपकी , हमारी , हम सबकी: वरिष्ठ लेखक उदय प्रकाश की कविता खास तौर से हिंदी दिवस पे पढ़ने के लिए दिव्यांश गुप्ता http://www.blogger.com/profile/13187803458014791323noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8940932442714791541.post-10659502996485946442012-09-14T21:49:37.698+05:302012-09-14T21:49:37.698+05:30"वह भाषा जिसमें लिखता हुआ हर ईमानदार कवि पागल..."वह भाषा जिसमें लिखता हुआ हर ईमानदार कवि पागल हो जाता है<br />आत्मघात करती हैं प्रतिभाएं<br />`ईश्वर´ कहते ही आने लगती है जिसमें अक्सर बारूद की गंध<br /><br />धन्यवाद जय, आज के दौर की रचनाओं का यहाँ आना बेहद ज़रूरी है| बहुत अच्छा किया अपने जो इस दर्जे की कविता से सदस्यों को अवगत कराया|दीपशिखा वर्मा / DEEPSHIKHA VERMAhttps://www.blogger.com/profile/12486880239305153162noreply@blogger.com