सोमवार, 10 जून 2013

आपकी कलम से #3 आए बादल और बूँदों की भागादौड़ी


आए बादल 
आसमान पर छाए बादल
बारिश लेकर आए बादल
गड़-गड़, गड़-गड़ की धुन में 
ढोल-नगाड़े बजाए बादल
बिजली चमके चम-चम, चम-चम
छम-छम नाच दिखाए बादल
चले हवाएँ सन-सन, सन-सन
मधुर गीत सुनाए बादल
बूँदें टपके टप-टप, टप-टप
झमाझम जल बरसाए बाद ल
झरने बोले कल-कल, कल-कल
इनमें बहते जाए बादल
चेहरे लगे हँसने-मुसकाने 
इतनी खुशियाँ लाए बादल 
ओमप्रकाश चोरमा 'किलोलीवाला'


बूँदों की भागादौड़ी

बूँदें भागी, बूँदें दौड़ी
निकली है बनठन के देखो 
छाते और मुनिया की जोड़ी
बादल भरकर आए कहाँ से 
यहाँ पे आके चुप्पी तोड़ी 
मौसम है यह ठंडा-ठंडा
आओ खाएँ गरम कचौड़ी
मुझे ऐसा लगा अभी कि
बूँदें भागी, बूँदें दौड़ी ...
कपिल

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