माँ के नाम एक कविता ....very close to my heart :|
है नस-नस ये तेरी,ये बूँद बूँद मेरी
हर एक स्वेत बिंदु,हर रक्त कण है तेरा
मैं क्या हूँ-न कुछ भी,बस अक्स सा हूँ तेरा
हे माँ-अनंत सरिता ,ये शब्द भी है तेरे
हर संकल्प,हर प्रेरणा,हर निश्चय,हर प्रतिज्ञा
स्फुरण हैं मुझमे,हे माँ ये तेरे
इस अनंत विश्व की सब कठिनाइयाँ झेल लूँगा
है मुझ पर मेरी माता ,अनंत साया तेरा
मेरी आत्मा की अनंत गहराइयों तक
है तेरी ही सदाएं,है तेरी ही आहट
जब पता हूँ खुदको इश्वर के करीब
तो सुनाई देती है तेरी ही खिलखिलाहट
है असीम तू,अनंत तेरी छाया
तेरी गोद,तेरे अंचल में सब मैंने पाया
संपूर्ण वसुधा में अनवरत बहता तेरा प्रेम
हूँ मैं तेरा,तू है मेरी,असीम है तू माता
है नस-नस ये तेरी,ये बूँद बूँद मेरी
हर एक स्वेत बिंदु,हर रक्त कण है तेरा
मैं क्या हूँ-न कुछ भी,बस अक्स सा हूँ तेरा
हे माँ-अनंत सरिता ,ये शब्द भी है तेरे
हर संकल्प,हर प्रेरणा,हर निश्चय,हर प्रतिज्ञा
स्फुरण हैं मुझमे,हे माँ ये तेरे
इस अनंत विश्व की सब कठिनाइयाँ झेल लूँगा
है मुझ पर मेरी माता ,अनंत साया तेरा
मेरी आत्मा की अनंत गहराइयों तक
है तेरी ही सदाएं,है तेरी ही आहट
जब पता हूँ खुदको इश्वर के करीब
तो सुनाई देती है तेरी ही खिलखिलाहट
है असीम तू,अनंत तेरी छाया
तेरी गोद,तेरे अंचल में सब मैंने पाया
संपूर्ण वसुधा में अनवरत बहता तेरा प्रेम
हूँ मैं तेरा,तू है मेरी,असीम है तू माता
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