मंगलवार, 7 अगस्त 2012

फूल




फूल खुबसूरत होके धोखा दे जाते है
काटें बेचारे नीव होके भी गाली खाते है
और कुदरत का खेल तो देखो दोस्त
फूल शबनम बन जाते है ,काटें काटें ही रह जाते है
~ विकास पांडे

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