आज छब्बीस जनवरी है, और ये दिन भारत के संविधान के पहली बार लागू होने का दिन है, पर आज देश की हालत देखकर लगता नहीं कि यहाँ नियमों और कानूनों की क़द्र करने वाले ज्यादा लोग रह गए हैं। पर किसी महात्मा ने कहा था " जो बदलाव तुम दुनिया में देखना चाहते हो, वो बदलाव खुद बनो" तो आज हम कम से कम खुद से तो ये वायदा कर ही सकते हैं कि हम नियमों का सम्मान करेंगे, उनका पालन करेंगे; फिर वो चाहे सड़क पे चलने का नियम हो, या शिक्षकों का लगाया हुआ कक्षा में बात न करने का नियम। और अगर हम सब अपने अपने हिस्से का इतना काम करते गए तो एक दिन ज़रूर भारत में नियम व्यवस्था बहाल होगी।
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं !
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