
अब केदारनाथ की धार्मिक यात्रा का पुण्य राज्य सरकार के सूत्रों का कहना है कि केदारनाथ यात्रा दोबारा शुरू होने में दो से तीन साल का वक्त लग सकता है। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक केदारनाथ परिसर को भारी नुकसान पहुंचा है। वहां आई बाढ़ ने उस पूरे इलाके को गाद, मलबे और पत्थरों से पाट दिया है। इसके कारण वहां बने बहुत से मकान, होटल और दुकाने जमींदोज हो चुके हैं। यहां तक कि सड़क का नामोनिशान तक नहीं बचा है।
उत्तराखंड में हुई इस तबाही की वजह से कई गांव शेष देश से कट चुके हैं। ऐसे गांवों तक पहुंचने में राहत और बचाव दलों को दो-तीन हफ्ते का वक्त लग सकता है। कई गांव पूरे बह चुके हैं और अब सिर्फ निशान बचे हैं। अधिकारी यह बताने को तैयार नहीं हैं कि इस तबाही में कुल कितने लोग मारे गए हैं, क्योंकि ऐसे कई प्रभावित इलाके हैं, जहां तक बचाव दल अभी पहुंचा ही नहीं है।
केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखंड को राहत पैकेज के रूप में एक हजार करोड़ रुपए की आर्थिक मदद दी गई है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी आज उत्तराखंड का हेलिकॉप्टर के जरिए सर्वे किया और पाया कि यहां की स्थिति बहुत खराब है।
केदारनाथ के आसपास का इलाका बिलकुल तबाह हो गया है। अब यहां सबकुछ पहले जैसा करने के लिए काफी समय लगेगा, तब तक इस धाम पर भक्तों का पहुंचना बहुत कठिन है।
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