नोट - मेरी एक अंग्रेज़ी कविता (जो कि कविता निजार कब्बानी की कविता 'लव कम्पेयर्ड' से प्रेरित है )
का हिन्दी अनुवाद ख्याति प्राप्त लेखक डा॰ दुष्यन्त ने किया है । प्रस्तुत है, आप लोगों के सम्मुख !
''सापेक्ष प्रेम ''
मैं जरा भी नहीं हूं
तुम्हारे और किसी प्रेमी की तरह !
कोई और देगा तुम्हें बेशक कोई घडी
और मैं दूंगा वक्त !
वो देगा तुम्हें आंख
और मैं ख्वाब!
वो देगा तुम्हें रोशनी के घर
और मैं दूंगा हजार आफताब जगमगाते हुए !
वो देगा तुम्हें सारा का सारा समंदर
और मैं लहरें तुम्हें नौकावहन कर पार जाने के लिए!
और अगर वह देगा तुम्हें एक दिल
मैं दूंगा तुम्हें प्रेम, मेरी प्रिय !
और मैं ख्वाब!
वो देगा तुम्हें रोशनी के घर
और मैं दूंगा हजार आफताब जगमगाते हुए !
वो देगा तुम्हें सारा का सारा समंदर
और मैं लहरें तुम्हें नौकावहन कर पार जाने के लिए!
और अगर वह देगा तुम्हें एक दिल
मैं दूंगा तुम्हें प्रेम, मेरी प्रिय !
- डा॰ दुष्यन्त (अनुवाद)
Can you post the original poems as well? Thanks.
जवाब देंहटाएंYes Chinmay ... Sure.
जवाब देंहटाएंPlease tell ur ID, I'll send.