बुधवार, 5 सितंबर 2012

College Days



एक छोटी बेरंगी छत, 
बारिश में टप - टप करती|
एक अदद टूटी चप्पल, 
पानी में छप छप करती|

एक पुरानी नेकर जो थी,
अरसे से बिन धूलि हुई|
थाम हाथ में एक कापी,
दूजे में ब्रेड है जली हुई| 

बिखरे बाल, उनींदी आँखें,
एक छाते में कई छुपे हुए|
बड़ी देर से आती बस के,
कोने कोने में भरे हुए|

कोई फिकर ना मस्त सभी,
है जिंदगी अपनी सबसे सही ...
बिन जिए जिसे कोई ना समझे,
है IIT मेरे यार यही ||




Photo Credit ; Akvil Sakhare

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